अनिल विज से पंगा लेने वाली अधिकारी बनी एचपीएससी की सदस्य,शपथ के दौरान सीएम रहे मौजूद
सत्य खबर, चंडीगढ़ ।The officer who messed with Anil Vij became HPSC member, CM was present during the oath taking
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर की पत्नी डॉ. सोनिया त्रिखा खुल्लर हरियाणा लोक सेवा आयोग (एचपीएससी ) मेंबर बन गई हैं। मंगलवार दोपहर राजभवन में उन्हें गवर्नर बंडारू दत्तात्रेय ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इस मौके सीएम मनोहर लाल भी मौजूद रहे।
डॉ. सोनिया त्रिखा हरियाणा की स्वास्थ्य महानिदेशक थी। हालांकि हाल ही में उनका स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से विवाद हो गया। जिसके बाद सीएम ने उन्हें हटा दिया। इसके बाद उन्हें एचपीएससी का मेंबर बनाने का फैसला हो गया। डॉ. त्रिखा ने सोमवार को ही नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) ले ली। वह एचपीएससी मेंबर के पद पर 2029 तक रहेंगी।
सीएम ने साधे एक तीर से 2 निशाने
हरियाणा सरकार के हेल्थ महकमे में बतौर स्वास्थ्य महानिदेशक तैनात डॉ. सोनिया को लेकर हाल में स्वास्थ्यमंत्री अनिल विज का चीफ मिनिस्टर ऑफिस (CMO) के अफसरों से विवाद हो गया था। उसके बाद विज ने स्वास्थ्य विभाग का काम देखना बंद कर दिया था। सीएम ने डॉ. सोनिया को स्वास्थ्य विभाग से हटाकर विज को मनाया और उसके अगले ही दिन डॉ. सोनिया को एचपीएससी मेंबर बनाने का फैसला ले लिया।
सीएम ने इस फैसले से एक तीर से 2 निशाने साधे। उन्होंने नाराज चल रहे अपने वरिष्ठ मंत्री अनिल विज को तो मनाया ही, डॉ. सोनिया को अहम पद देकर CMO में अपने सबसे भरोसेमंद अफसर राजेश खुल्लर को भी साध लिया।
सीएम को भेजा था डॉ त्रिखा ने इस्तीफा
हरियाणा लोक सेवा आयोग के मेंबर पद पर नियुक्ति के बाद डॉ सोनिया त्रिखा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास अपना इस्तीफा भेजा था। इसके बाद सीएम ऑफिस से फाइल बनाकर स्वास्थ्य विभाग के एसीएस को भेज दी गई। जहां से फाइल स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पास पहुंची।इसके बाद एसीएस की मंजूरी के बाद डॉ त्रिखा का वीआरएस मंजूर हो गया। चूंकि डॉ त्रिखा की सर्विस बीस साल से अधिक की थी, इसलिए उन्हें सर्विस से जुड़े सारे लाभ दिए जाएंगे।
2029 तक रहेगा कार्यकाल
डॉ. सोनिया त्रिखा का बतौर एचपीएससी मेंबर कार्यकाल वर्ष 2029 तक रहेगा। इससे पहले वह 2022 में स्वास्थ्य विभाग की महानिदेशक बनी थीं। उनकी रिटायरमेंट जनवरी-2026 में होनी थी लेकिन उन्होंने VRS ले लिया। हालांकि जब एचपीएससी मेंबर के तौर पर उनकी नियुक्ति से जुड़ी फाइल राजभवन पहुंची तो वहां से इस बात पर एतराज लगाया गया कि चूंकि अभी वह सरकारी नौकरी में हैं इसलिए बतौर एचपीएससी मेंबर उनकी नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी जा सकती।
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गवर्नर हाउस के इस एतराज के बाद सोमवार को डॉ. सोनिया त्रिखा ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन करते हुए सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही उनकी एचपीएससी मेंबर के तौर पर नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया।